पाराशरी आदि पद्धति मे चंद्र नक्षत्र स्वामि के अंशों पे आधारित दशा मान्य की गयी है.अगर जन्म समय मे परिवर्तन होगा तो अंशों मे भी परिवर्तन हो जायेगा ।
जैमिनी पद्धति मे राशि दशाये होती है.राशि दशा का येह सबसे बड़ा फायदा है की जन्म समय मे साधारण परिवर्तन हो तो भी राशीदशा से भी फलकथन किया जा सकता है ।
जन्म समय मे परिवर्तन हो तो Kp Astrology System के अनुसार Birth Time Rectification (जन्म समय शुध्दीकरण) करने की ज़रूरत नही पड़ती.बड़े आश्चर्य की बात तब होती है जब दो Kp Astrology System followers ऐक ही जन्म समय के अलगअलग Birth Time Rectification (जन्म समय शुध्दीकरण) प्रस्तुत कर देते है ।
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