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Sunday, November 6, 2016

लालकिताब और उपाय

लालकिताब हकीकत में बहुत आसान और कीमत में मामूली उपाय बताती है। इस उपाय को करने के लिए ना अपने ज्यादा महेंगे पुजा - पाठ करवाने है या ना ही महेंगे रत्न धारण करने है।

आज कुछ ऐसे ही उपाय की बात करते है जो बहुत ही साधारण है पर बहतू सारी तकलीफ़ों से छुटकारा दिला सकता है।

आम तौर पर कहा जाता है (लालकिताब ज्योतिष द्वारा) की मंगल बद है या सूरज सनीचर इकट्ठे होने की वजह से मंगल बद बन रहा है। पर प्रकटिकल अभ्यास में देखा गया है की जब सूरज से सनीचर 3-5-7-9-10 में बैठा हो तब ऐसे जातक के ज़्यादातर निर्णय जल्दबाज़ी में या गुस्से (जिद) में लिए जाते है।

अब अगर मंगल बद का या ऊपर कहीं हुई स्थितियों में जातक (जिस की कुंडली में मंगल बद हो) को बहुत सारे उपाय बताए जाते है और उस का फ़ायदा भी उतना मिलता हुआ नहीं देखा गया जैसा की लालकिताब में लिखा है।

ऐसा होने की वजह ये है की सारे उपाय तो कुंडली वाला कर लेता है पर जो सब से जरूरी और सब से आसान है वो चीज ही वो नहीं करता या नहीं कर पता किसी वजह से।

वो उपाय है नंगे सिर न घूमना अर्थात सिर पर सफ़ेद, क्रीम, येल्लो, या फिर मट मैले (ताम्र या कॉपर कलर) की टोपी या कपड़ा रखना।
लालकिताब में साफ कहा गया है की नंगा सिर मंगल बद की निशानी है।

अगर आप की कुंडली में ऊपर कहीं गई हालत में सूरज सनीचर है तो आप के और आप के परिवार के भले के लिए कल से ऊपर कहीं हुई टोपी (CAP) पहन ले और जीवन का मजा लीजिये।

लालकिताब की एक मशुहर पंक्ति है "नहीं की तो कर के देख"।

आप अगर ये पढ़ रहे है और आप की कुंडली में ये संबंध सूरज सनीचर का नहीं है तो इसे आगे फॉरवर्ड कीजिये ताकि किसी का भला करने की लालकिताब की मंशा या महेच्छा को पूरा कर के आप भी भला करने का फल ले सके।

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