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Monday, December 19, 2016

सोमवार यानि चन्द्रवार

सोमवार यानि चन्द्रवार

सोमवार का दिन ज्योतिष अनुसार चन्द्र ग्रह के साथ सम्बन्धित है ,यही चन्द्रमा ही जीवन में क्षण भर में परिवर्तन ला देता है , कई बार ज्योतिष के माहिर कुंडली के भयंकर दोष ढूंढते हैं / शनि के साढेसाती / राहु के श्राप / कालसर्प दोष आदि को मुख्य रूप से विवेचित करते रहते हैं परन्तु सबसे खतरनाक चाल चन्द्रमा की है जो हर ढाई दिन में राशि परिवर्तन कर जाते हैं और मनुष्य का स्वभाव बदल देते हैं ( mood swing ) की बीमारी चन्द्रमा से ही होती है / डिप्रेशन , चिड़चिड़ा पैन भी चन्द्रमा ही दे हैं / आत्महत्या करने वालो की कुंडली में ९९% बुध के साथ चन्द्रमा ही खराब होता है ।

चन्द्रमा शनि के साथ हो तो विषयोग बनाता है ।
चन्द्रमा राहु-केतु के साथ हो तो ग्रहण दोष बनाता है ।
चन्द्रमा और बुध की जोड़ी भी कुंडली को खराब ही करती है ।
चन्द्रमा और शुक्र अति संवेदनशील बना देते हैं ।
चन्द्रमा और गुरु की जोड़ी लग्न अनुसार यदिं अशुभ ग्रह से दृष्ट  न हो तो ही शुभ फल प्रदान करती है  ।
चन्द्रमा और मंगल की जोड़ी भी लग्न अनुसार यदिं अशुभ ग्रह से दृष्ट  न हो तो ही शुभ फल प्रदान करती है  ।

चन्द्रमा कुंडली के छठे / आठवें / बारवें भाव में हो तो भी जातक असन्तुलित स्वभाव का मानसिक रोगी होता है।

चन्द्रमा को काबू करना बहुत जटिल कार्य है क्योंकि चन्द्रमा भोलेनाथ के मस्तक पर स्थित है और भोलेनाथ ठहरे अति भोले भाले , जिद्दी स्वभाव जिन्हें योगी से गृहस्थी में माँ पार्वती बड़े जतन से ही ला सकी  थी इसलिए सोमवार को शंकर - पार्वती जी के युगल जोड़ी की दर्शन करना और छोटी कन्या को दूध पिलाना चाहिए या फिर दूध का बन्द पैकेट शिवमंदिर में छोड़ देना चाहिए ताकि पुजारी वो दूध का स्वयम प्रयोग कर सके या  दान  कर दे ।

अतिआवश्यक : शिवलिंग  पर कच्चा दूध केवल किसी अनुष्ठान में वहीँ चढ़ाना चाहिए जहां शिवलिंग की स्थापना कच्ची जगह किसी पेड़ के नीचे की गयी हो  जहां दूध धरती में समा  सके / जहां  शिवलिंग पर चढ़ता हुआ दूध गन्दी नाली में बहता हो वहां दूध  चढ़ाने वाला परेशान ही रहेगा क्योंकि दूध चन्द्रमा है तो गन्दी नाली राहु है और जिसने राहु और चन्द्रमा को मिला दिया वो मानसिक पीड़ा में ही रहता है , इसीलिए कई बार लोग कहते हैं की मन्दिर जाने वाले अधिक परेशान रहते हैं क्योंकि उन्हें अपनी गलती का पता नही होता या कोई बताता ही नही ।

चन्द्रमा का रत्न  मोती है जो हर किसी को नही धारण करना चाहिए क्योंकि दुष्ट ग्रह से पीड़ित चन्द्रमा हो तो पहले दुष्ट ग्रह का उपाय करना होता है न की मोती धारण करना , मैंने बहुत से लोगों को तो केवल मोती उतरवा कर ही उनकी " मानसिक पीड़ा " से मुक्ति दिलवाई है..

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