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Tuesday, December 13, 2016

Question Should i wear gemstone of rahu ketu ?

Question Should i wear gemstone of rahu ketu ?
Ans...

आचार्यों ने ग्रहों की शांति के पांच पांच प्रकार के उपाय बताए हैं जिनमें मंत्र मणि औषधि दान और  स्नान आदि आदि है लेकिन राहु और केतु छाया ग्रह हैं इस कारण से उनका रतन धारण नहीं किया जाना चाहिए यह बात कुछ अटपटी सी नजर आती है क्योंकि राहु भी यदि लग्न में वृषभ कर्क या वृश्चिक राशि में स्थित हो तो कुंडली में व्याप्त बालारिष्ट योगों को भी भंग करने वाला कहा गया है तथा केंद्र में यदि त्रिकोणेश के साथ और त्रिकोण में केंद्रेश के साथ स्थित हो तो राजयोग कारक कहा गया है और महर्षि पराशर जी के अनुसार यदि अकेले राहु केतु केंद्र में स्थित हो तो स्वयं ही योगकारक हो जाते हैं यदि वह किसी भी ग्रह से युत ना हो तो ऐसे में उनका रतन धारण करना अशूभ कैसे कहा जा सकता है इसलिए शास्त्र के मतानुसार जो भी ग्रह शुभ फल प्रदान करने में सक्षम हो उनके रतन धारण करने से उनके शुभ फलों में वृद्धि हुआ करती है और यदि कोई ग्रह अशुभ फल देने वाला हो तो उसके रतन धारण करने से अशुभ फलों में कमी हुआ करती है इसलिए राहु और केतु के रतन धारण किए जा सकते हैं यह मत ना तो मेरा है ना किसी और का यह हमारे परवर्ती आचार्यों का मत है जिसे आप और मैं नकार नहीं सकते  वैसे तो सूर्य भी ग्रह नहीं है एक तारा है और चंद्रमा भी ग्रह नहीं है एक उपग्रह है यदि इस प्रकार गणित प्रक्रिया का सहारा लिया जाएगा तो हमारे पास नौ ग्रहों की बजाय मात्र 5 ग्रही बचेंगे वैसे भी राहु और केतु का प्रभाव जातक के ऊपर प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से हमेशा से नजर आता रहा है इसलिए इन्हें कम महतव दिया जाना चाहिए यह बात सर्वदा अनुचित है ।

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