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Monday, December 19, 2016

know aobut your husband's house and astrology yoga

पति का मकान कहां एवं कैसा होगा
लड़की की जन्म लग्न कुंडली में उसके लग्न भाव से तृतीय भाव पति का भाग्य स्थान होता है। इसके स्वामी के स्वक्षेत्री या मित्रक्षेत्री होने से पंचम और राशि वृद्धि से या तृतीयेश से पंचम जो राशि हो, उसी राशि का श्वसुर का गांव या नगर होगा। प्रत्येक राशि में 9 अक्षर होते हैं। राशि स्वामी यदि शत्रुक्षेत्री हो, तो प्रथम, द्वितीय अक्षर, सम राशि का हो, तो तृतीय,चतुर्थ अक्षर मित्रक्षेत्री हो, तो पंचम, षष्ठम अक्षर, अपनी ही राशि का हो तो सप्तम, अष्टम अक्षर, उच्च क्षेत्री हो, तो नवम अक्षर प्रसिद्ध नाम होगा। तृतीयेश के शत्रुक्षेत्री होने से जिस राशि म े ंहा े उसस े चतु र्थ राशि ससुराल या भवन की होगी। यदि तृतीय से शत्रु राशि में हो और तृतीय भाव में शत्रु राशि म े ंपड़ ाहो ,ता े दसवी ं राशि ससु रके गांव की होगी। लड़की की कुंडली में दसवां भाव उसके पति का भाव होता है। दशम भाव अगर शुभ ग्रहों से युक्त या दृष्ट हो, या दशमेश से युक्त या दृष्ट हो, तो पति का अपना मकान होता है। राहु, केतु, शनि, से भवन बहुत पुराना होगा। मंगल ग्रह में मकान टूटा होगा। सूर्य, चंद्रमा, बुध, गुरु एवं शुक्र से भवन सुंदर, सीमेंट का दो मंजिला होगा। अगर दशम स्थान में शनि बलवान हो, तो मकान बहुत विशाल होगा।

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