📚कुंडली मे डॉक्टर बनने के योग : डॉक्टर के रूप में कैरियर : कामयाबी योग !!!!!📚
💊पंचमेश बहुत महत्वपूर्ण है। बुद्धि, प्रसिद्धि, जीवन का स्तर, सफलता।
💊ग्रह :सूर्य, मंगल,गुरु शनि एवं राहु
सूर्य :स्वास्थ्य का कारक।
मंगल :भुजबल, उत्साह व कार्य शक्ति का कारक ।
गुरू :ज्ञान और सुख का कारक।
सूर्य, मंगल व गुरू : बली हों,
शनि एवं राहु :टैक्निकल
💊भाव : प्रथम , द्वितीय ,पंचम ,षष्ट ,दशम , एकादश, तथा उनके स्वामिवो से सम्बध हो तो जातक डॉक्टर बनता है।
💊चंद्र-शनि, मंगल-शनि, बुध-शनि
💊सूर्य-मंगल की युति : -डाक्टर, सर्जन ,शल्य चिकित्सक।
💊मंगल या केतु युति: शल्य चिकित्सक होता है।
💊शनि तथा सूर्य युति : दंत चिकित्सक बनाती है।
💊शुक्र और सूर्य :डॉक्टर, हार्ट अथवा न्यूरो सर्जन,स्त्री रोग विशेषज्ञ
राहु तथा केतु- सर्जन
💊सूर्य+मंगल +बुध -डाक्टर।
💊सूर्य+बुध+शुक्र-दांतों का डाक्टर ।
१० वे भाव में उच्च राशी का मंगल
12 वें घर का उपचार,
में बुद्धादित्य योग हो तो उसे प्रसिद्धि मिलेगी।.
दशम भाव में शनि तथा सूर्य की युति जातक को दंत चिकित्सक बनाती है
💊विश्लेशण :नवांश ,दशमांश कुंडली :
कौन से ग्रह महादशा ,अंतर्दशा, प्रत्यंतर्दशा, सूक्ष्म एवं प्राण दशा चल रही है। भाव को प्रभावित करने वाले ग्रहों की गोचर स्थिति भी देखना चाहिये।
ग्रह अपनी उच्च, अपनी या अपने मित्र ग्रह की राशि में हो.
💊कामयाबी योग :
कुंडली का पहला, दूसरा, नौवा, दसवा, ग्यारहवा घर तथा इन घरों के स्वामी अपनी दशा और अंतर्दशा में जातक को कामयाबी प्रदान करते हे। बाधक ग्रहो को जानकर उनका उपाय करे।
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