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Saturday, December 25, 2021

क्यों चढ़ाते है शनि देव को तेल?

*((क्यों चढ़ाते है शनि देव को तेल, क्या रखे सावधानी?))*
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 प्राचीन मान्यता है की शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए हर शनिवार को शनि देव को तेल चढ़ाना चाहिए। जो व्यक्ति ऐसा करते है उन्हें साढ़ेसाती और ढय्या में भी शनि की कृपा प्राप्त होती है। लेकिन शनि देव को तेल क्यों चढ़ाते इसको लेकर हमारे ग्रंथो में अनेक कथाएँ है। इनमे से सर्वाधिक प्रचलित कथा का संबंध रामयण काल और हनुमानजी से है।

पौराणिक कथा –
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क्यों चढ़ाते है शनि देव को तेल :-
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कथा इस प्रकार है शास्त्रों के अनुसार रामायण काल में एक समय शनि को अपने बल और पराक्रम पर घमंड हो गया था। उस काल में हनुमानजी के बल और पराक्रम की कीर्ति चारों दिशाओं में फैली हुई थी। जब शनि को हनुमानजी के संबंध में जानकारी प्राप्त हुई तो शनि बजरंग बली से युद्ध करने के लिए निकल पड़े। एक शांत स्थान पर हनुमानजी अपने स्वामी श्रीराम की भक्ति में लीन बैठे थे, तभी वहां शनिदेव आ गए और उन्होंने बजरंग बली को युद्ध के ललकारा।

युद्ध की ललकार सुनकर हनुमानजी शनिदेव को समझाने का प्रयास किया, लेकिन शनि नहीं माने और युद्ध के लिए आमंत्रित करने लगे। अंत में हनुमानजी भी युद्ध के लिए तैयार हो गए। दोनों के बीच घमासान युद्ध हुआ। हनुमानजी ने शनि को बुरी तरह परास्त कर दिया।

युद्ध में हनुमानजी द्वारा किए गए प्रहारों से शनिदेव के पूरे शरीर में भयंकर पीड़ा हो रही थी। इस पीड़ा को दूर करने के लिए हनुमानजी ने शनि को तेल दिया। इस तेल को लगाते ही शनिदेव की समस्त पीड़ा दूर हो गई। तभी से शनिदेव को तेल अर्पित करने की परंपरा प्रारंभ हुई। शनिदेव पर जो भी व्यक्ति तेल अर्पित करता है, उसके जीवन की समस्त परेशानियां दूर हो जाती हैं और धन अभाव खत्म हो जाता है।

जबकि एक अन्य कथा के अनुसार जब भगवान की सेना ने सागर सेतु बांध लिया, तब राक्षस इसे हानि न पहुंचा सकें, उसके लिए पवन सुत हनुमान को उसकी देखभाल की जिम्मेदारी सौपी गई। जब हनुमान जी शाम के समय अपने इष्टदेव राम के ध्यान में मग्न थे, तभी सूर्य पुत्र शनि ने अपना काला कुरूप चेहरा बनाकर क्रोधपूर्ण कहा- हे वानर मैं देवताओ में शक्तिशाली शनि हूँ। सुना हैं, तुम बहुत बलशाली हो। आँखें खोलो और मेरे साथ युद्ध करो, मैं तुमसे युद्ध करना चाहता हूँ। इस पर हनुमान ने विनम्रतापूर्वक कहा- इस समय मैं अपने प्रभु को याद कर रहा हूं। आप मेरी पूजा में विघन मत डालिए। आप मेरे आदरणीय है। कृपा करके आप यहा से चले जाइए।

जब शनि देव लड़ने पर उतर आए, तो हनुमान जी ने अपनी पूंछ में लपेटना शुरू कर दिया। फिर उन्हे कसना प्रारंभ कर दिया जोर लगाने पर भी शनि उस बंधन से मुक्त न होकर पीड़ा से व्याकुल होने लगे।  हनुमान ने फिर सेतु की परिक्रमा कर शनि के घमंड को तोड़ने के लिए पत्थरो पर पूंछ को झटका दे-दे कर पटकना शुरू कर दिया।  इससे शनि का शरीर लहुलुहान हो गया, जिससे उनकी पीड़ा बढ़ती गई।

तब शनि देव ने हनुमान जी से प्रार्थना की कि मुझे बधंन मुक्त कर दीजिए। मैं अपने अपराध की सजा पा चुका हूँ, फिर मुझसे ऐसी गलती नही होगी ! तब हनुमान जी ने जो तेल दिया, उसे घाव पर लगाते ही शनि देव की पीड़ा मिट गई।  उसी दिन से शनिदेव को तेल चढ़ाया जाता हैं, जिससे उनकी पीडा शांत हो जाती हैं और वे प्रसन्न हो जाते हैं।

हनुमानजी की कृपा से शनि की पीड़ा शांत हुई थी, इसी वजह से आज भी शनि हनुमानजी के भक्तों पर विशेष कृपा बनाए रखते हैं।

शनि को तेल अर्पित करते समय ध्यान रखें ये बात 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
शनि देव की प्रतिमा को तेल चढ़ाने से पहले तेल में अपना चेहरा अवश्य देखें। ऐसा करने पर शनि के दोषों से मुक्ति मिलती है। धन संबंधी कार्यों में आ रही रुकावटें दूर हो जाती हैं और सुख-समृद्धि बनी रहती है।

शनि पर तेल चढ़ाने से जुड़ी वैज्ञानिक मान्यता 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हमारे शरीर के सभी अंगों में अलग-अलग ग्रहों का वास होता है। यानी अलग-अलग अंगों के कारक ग्रह अलग-अलग हैं। शनिदेव त्वचा, दांत, कान, हड्डियां और घुटनों के कारक ग्रह हैं। यदि कुंडली में शनि अशुभ हो तो इन अंगों से संबंधित परेशानियां व्यक्ति को झेलना पड़ती हैं। इन अंगों की विशेष देखभाल के लिए हर शनिवार तेल मालिश की जानी चाहिए।

शनि को तेल अर्पित करने का यही अर्थ है कि हम शनि से संबंधित अंगों पर भी तेल लगाएं, ताकि इन अंगों को पीड़ाओं से बचाया जा सके। मालिश करने के लिए सरसो के तेल का उपयोग करना श्रेष्ठ रहता है।


7th House Significance in Astrology

7th House Significance
Marriage, Life Partner, Business Partner, Customer, Self Business

1. Marriage  7,2,11
2. Happy Marriage life 7,5,11
3. Un Happy Married life 7,8,12
4. Divorce  1,6,10 , 1,8,12
5. Couple use their own ways  3,6,9,12
6. After Marriage Ill legal 7,6,9 ,7,8,9
7. Hub and wife Live separate 7,3,9
8. Hub and wife mechanic life 7,4,10
9. Secret Marriage  7,5,12
10. Self business  7,10 , 7,10,3,12
11. Theft 7,2,12
12.  Business Document missing  7,3,12
13. Visa 7,3,9,11
14. Foreign business 7,9,10
15. Account close  7,5,8,11
16. Family Members problem 7,1,6,12
17. Profit in self business 7,6,11
18. Loss in self business 7,8 ,7,12
19. Partnership  7,5,11
20. Partnership Loss 7,4,12
21. Permission 7,10,11
22. Problem in permission 7,1,7,8
23. Partnership separate 7,1,6,10,12
24. Temper very Leave 7,3,9
25. Lose in wife 7,6,12
26. Income from wife  7,4,10
27. Second marriage 7,2,9,11
28. Married knowing person  but ego problem  7, 1
29. Sweet talk to customer, or spouse   7,2
30.  Mindy person   7,3
31. Happy for customer 7,5
32. Disease spouse ,or broken heart 7,6
33. Spouse to use  Slave, dominate   7,8
34. Wife use ill legal act , or spiritual wife 7,9
35. Un satisfaction married life , or enemy  7,10
36. Husband and wife like a friends, happy life 7,11
37. Secrete wife  7,12
38. Uncle daughter forced marriage 7,6,10
39. Ugly fight on abroad 7,6,8,10
40. Not believe couples 7,3,6,8,10
41. Suside  after trouble marriage 7,6,8,9
42.  Ugly Love marry  7,5,8,12
43. Business utter flop  after marriage  7,6,9
44. Use wife in business  7,1,9
45. Business profit after marriage 7,10,47th House Significance
Marriage, Life Partner, Business Partner, Customer, Self Business

1. Marriage  7,2,11
2. Happy Marriage life 7,5,11
3. Un Happy Married life 7,8,12
4. Divorce  1,6,10 , 1,8,12
5. Couple use their own ways  3,6,9,12
6. After Marriage Ill legal 7,6,9 ,7,8,9
7. Hub and wife Live separate 7,3,9
8. Hub and wife mechanic life 7,4,10
9. Secret Marriage  7,5,12
10. Self business  7,10 , 7,10,3,12
11. Theft 7,2,12
12.  Business Document missing  7,3,12
13. Visa 7,3,9,11
14. Foreign business 7,9,10
15. Account close  7,5,8,11
16. Family Members problem 7,1,6,12
17. Profit in self business 7,6,11
18. Loss in self business 7,8 ,7,12
19. Partnership  7,5,11
20. Partnership Loss 7,4,12
21. Permission 7,10,11
22. Problem in permission 7,1,7,8
23. Partnership separate 7,1,6,10,12
24. Temper very Leave 7,3,9
25. Lose in wife 7,6,12
26. Income from wife  7,4,10
27. Second marriage 7,2,9,11
28. Married knowing person  but ego problem  7, 1
29. Sweet talk to customer, or spouse   7,2
30.  Mindy person   7,3
31. Happy for customer 7,5
32. Disease spouse ,or broken heart 7,6
33. Spouse to use  Slave, dominate   7,8
34. Wife use ill legal act , or spiritual wife 7,9
35. Un satisfaction married life , or enemy  7,10
36. Husband and wife like a friends, happy life 7,11
37. Secrete wife  7,12
38. Uncle daughter forced marriage 7,6,10
39. Ugly fight on abroad 7,6,8,10
40. Not believe couples 7,3,6,8,10
41. Suside  after trouble marriage 7,6,8,9
42.  Ugly Love marry  7,5,8,12
43. Business utter flop  after marriage  7,6,9
44. Use wife in business  7,1,9
45. Business profit after marriage 7,10,4