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Sunday, August 28, 2022

when will i get promotion and astrology

उच्च पदों के लिए उत्तरदायी घटकः

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■ लग्न / लग्नेश बली होने चाहिए ।

 ■ कुण्डली में शक्तिशाली राजयोग होने चाहिए । केन्द्रों के स्वामियों और त्रिकोण के स्वामियों के मध्य राशि परिवर्तन या युति , शक्तिशाली राजयोग बनाती है । 

■ नवमेश एवं दशमेश , चतुर्थेश एवं पंचमेश चतुर्थेश एवं नवमेश , पंचमेश एवं दशमेश , लग्नेश एवं नवमेश या दशमेश , दशमेश एवं षष्टेश , दशम भाव में पष्टेश , पष्टेश षष्टम में , नवमेश नवम या दशम में , ये सम्बन्ध अच्छे होते हैं । 

 ■ षष्टम भाव / षष्टेश महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि यह नवम से दशम है और दशम भाव से नवम है । सामान्यतः पदोन्नति , दशमेश एवं नवमेश की दशा में होती है लेकिन कभी - कभी षष्टेश की भुक्ति दशा में भी होती है । दशमेश चाहे अष्टम भाव में ही क्यों न स्थित हो , सदैव जीवनवृत्ति को आगे बढ़ाता है ।

■ चाहे योग कारक ग्रह दुष्ट भावों में ही स्थित हो लेकिन शुभ ग्रहों के प्रभाव में हो तो इसकी दशा / अन्तर्दशा

■ जब षष्टम भाव का नवम एवं दशम भाव से सम्बन्ध होता है तो यष्टेश / षष्टम भाव से युति , स्थिति या दृष्टि द्वारा सम्बन्ध बनाने वाले ग्रह।

■ शुभ ग्रहों से दृष्ट , तृतीय और एकादश भाव में स्थित अशुभ ग्रहों की दशा / अन्तर्दशा में पदोन्नति होती है ।

■ बुध , दशम भाव का कारक है । यदि षष्टम या दशम से सम्बन्धित होता है तो पदोन्नति का कारण बनता है ।
पदोन्नन्ति का समय निर्धारण ब नौकरी की प्राप्ति
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दोहरा गोचरः 

यदि कुण्डली में राजयोग हों और अनुकूल दशा / अन्तर्दशा भी चल रही हो तो गोचर के दोहरे प्रभाव का आंकलन करना चाहिए । यह दोहरा गोचर , शनि और बृहस्पति का निम्नलिखित अनुकूल गोचर है । 
A】बृहस्पतिः ★ गोचर में बृहस्पति को चन्द्रमा या लग्न से दशम भाव को दृष्ट करना चाहिए । लग्न या चन्द्रमा से त्रिकोण में बृहस्पति का गोचर भी अनुकूल स्थिति है लेकिन लग्न या चन्द्रमा से दशम भाव पर बृहस्पति के गोचर अथवा दृष्टि को अधिक महत्व देना चाहिए । 

B】शनिः★ जिस समय कुछ विशेष होने का विश्लेषण करना हो उस समय शनि को दशमेश को दृष्ट करना चाहिए । इसको घटना की पूर्णता के लिए एक आवश्यक घटक के रुप में लेना चाहिए

73 Navmasha and Astrology

73 वा नवांश
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1】 नवमांश कुंडली पर आधारित एक अद्भुत सूत्र किस ग्रह से संबंधित कार्य करने से भाग्य में उन्नति होगी ? 

2】आप कितने भाग्यशाली हैं 

3】 किस ग्रह से आपको दूर रहना चाहिए ? 

नियम
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   👍 नवमांश कुंडली के लग्न में जो राशि है , उसके स्वामी ग्रह की स्थिति लग्न कुंडली में देखिए । 

विचारणीय तथ्य
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 👌यदि 73 वें नवांश का स्वामी जन्म कुंडली में बलि हो , तो व्यक्ति को उन्नति में सहायक होगा । • 73 वें नवांश का स्वामी यदि लग्नेश का मित्र हो , तो कुंडली को बल मिलता है । •

उदाहरण कुंडली
★★★★★★★
1.सब से पहले नवांश(D9】के लग्नेश को को देखते है कि लग्न कुंडली【D1】के लग्न में ही है और अपने मित्र के राशि मे ही है।। 
 ये जातक अपने  36 के उम्र मे ही बहुत धन अर्जित किया ये जातक   steel factory(शनि के कारक) में बहुत बड़ा कांट्रेक्टर है और मजदूर(शनि के कारक) का बहुत बड़ा supplyer भी है।। और खुद के पास कई क्रेन, भी है।।

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◆73 वें नवांश मे बैठा ग्रह 
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👍कुंडली मे 108 नवांश होते है , और नौ ग्रह होते 

👍73 वां नवांश वो क्षेत्र है जो प्रबल भाग्य को दर्शाता है 

 👍09 प्रतिशत से भी कम संभावना होती है वहाँ किसी ग्रह के बैठने की | 

👍 ऐसी स्थिति मे यह नवांश काफी महत्वपूर्ण हो जाता है

👍73 वें नवांश मे बैठा ग्रह यदि त्रिकोण अथवा केंद्र का स्वामी है और लग्नेश का मित्र तो यह भाग्य मे प्रवल वृद्धि का सूचक है 

👍 73 वें नवांश मे बैठा ग्रह यदि 6,8 अथवा द्वादश भाव का स्वामी है और लग्नेश का शत्रु तो यह भाग्य की हानि के योग को दर्शाता है ।

💐73 नवांश में बैठे ग्रह को ज्ञात करने की विधि
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👌73 वें नवांश को ज्ञात करने के लिए आपको केवल लग्न कुंडली और नवांश कुंडली चाहिए/

👌नवांश कुंडली में देखें , की लग्न में क्या कोई ग्रह विराजित है ?
👌यदि हाँ , और वो जन्म कुंडली मे नवम भाव में हो तो वह ग्रह 73 वें नवांश मे है /

■कारकत्व के अनुसार किया जाए तो सफलता मिस्चित मिलता है।जैसे
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■सूर्य -पिता के द्वारा लाभ,भाग्योदय पित्तरीक कार्यो से लाभ उच्च पद, सूर्य के कारक से लाभ,सरकार से लाभ,अग्नि से रिलेटेड कार्य से लाभ
■चंद्र-माता या मामा के द्वारा भाग्योदय, जलीय चीजो के ब्यापार से लाभ, नेवी,के नौकरी से लाभ,राज्य अधिकारी का पद से लाभ
■मंगल-भाई से लाभ,भाई के साथ किया गया ब्यापार, पुलिस प्रशासन के नौकरी, सेना,sequruty से,पेट्रोलियम,मेटल के कार्यसे लाभ,मैकेनिकल,मशीन के कार्यो से लाभ, 
■बुध- ब्यापार, account सेक्टर,वकालत, बैंकिंग,गणित,ज्योतिष,बैद्धिक कार्य से लाभ,लेखक,पत्रकारिता,हास्य कला कार से लाभ

■गुरु- गुरु से लाभ,बढ़े बुजुर्गों से लाभ, अपने बॉस से लाभ, शिक्षा से मध्यान से लाभ,मठाधीस, धर्म सुधारक के कार्य, नेता मंत्री 
■शुक-स्त्री से लाभ, पत्नी के सलाह से किया गया कार्य से लाभ, कॉस्टमेटिक मटेरियल का ब्यापार ब्यूटी पार्लर, डांस,कला, ज्वेलरी ,के कार्य, शिक्षक, सिनेमा, आदि से लाभ
■शनि-मेहनत बाले कार्य, प्रशासनिक कार्य, नेता, लोहे से संबधित कार्य, चमड़ा उधोग, लोहे के कार्य,कंस्ट्रुक्शन के कार्य आदि से लाभ,पुराने भवन निर्माण के कार्य,न्यायालय के कार्य
■राहु-राजनीति,कूटनीति, वकालत,दलाली,शराब का ब्यापार, मेडिसिन, रसायन आदि के कार्य।
■केतु-धर्म के कार्य,मठाधीश,मेहनत के कार्य, शिक्षक के कार्य आदि से लाभ

💐73 वें नवांश का स्वामी ग्रह
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👍73 वें नवांश का स्वामी यदि जन्म कुंडली मे बली हो तो व्यक्ति की उन्नति में सहायक है |
👍 73 वें नवांश का अधिपति , यदि लग्नेश का मित्र हो तो कुंडली को बल मिलता है ।

Exampel
■सब से पहले नवांश कुंडली( D9)के लग्न को देखे गे, यहाँ लग्न में शनि और शुक दोनो  ही बैठे है और जो  लग्न कुंडली(D1) के 9th हाउस में दोनो के दोनो बैठे है। 

■ये जातक शनि से सम्बंधित कार्य सुरु किया पुराने मकानों(शनि से सम्बंधित) को खरीद कर उसे मरम्मत कर के फिनिसिंग वर्क ,पेंटिंग, सजावटी के कार्य (शुक)कर के बेचता है जो अरबपति है, और खुद का कैस्टमेटिक प्रोडक्ट भी मार्केट में बेचता है और बहुत बड़ा प्रोड्क्ट सेलर भी है।। इनके हजारो ब्यूटी पार्लर देश विदेश में मशहूर है।।

Monday, August 22, 2022

Your Finance from Indu Lagna and Hora Lagna

इंदू लग्न और होरा कुण्डली से धन की स्थिति

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1】लग्न कुंडली 
      ■ ■■■■■ धनेश सूर्य,लग्न में नवमेश गुरु,लाभेष शुक्र ये सभी भाव(2,5,11th)लग्न में है जो अच्छा धन योग का संकेत दे रहा है, लग्नेश स्वयं भाग्य स्थान पर और भागेष गुरु लग्न में लग्न और भाग्य का परिवर्तन योग बन रहा है।
👍धन के स्रोत★ 2nd भाव जो धन भाव होता है वहाँ के स्वमी लग्न में मित्र के साथ बैठे है। शनि अष्टमेश हो कर धन भाव मे शनि सेवक है ,मेहनत का कारक है। अष्ठम भाव विमारी का भाव के स्वामी धन भाव मे ,राहु विष ,राशयनिक, सर्जन, आदि का कारक है, वही कर्म के स्वामी मंगल 12th में है भाव मे गया है केतु की दृष्टि भी 12th पर है। 12 भाव हॉस्पिटल से रिलेटेड से संकेत दे रहा है। जातक एक सर्जन चिकित्सक है। 
शुक चतीर्थ भाव के स्वामी है शनि+शुक की राशि मे जातक कैस्टमेटिक सर्जन है। शुक्र सुंदरता का कारक है, 4th भाव शिक्षा के स्थान है। 
★गुरु उच्च का हो कर लग्न में है, पंचम भाव और नवम भाव पर दृष्टि डाल रहा है, जातक उच्च शिक्षा लेता है चंद्र गुरु 9th में जो अच्छा योग बन रहा है, 9th भाव उच्च शिक्षा देता है चंद्र 9th में चंद्रमा ख़ुद नर्सिग का कारक है,।। और नवंश में चंद्र मंगल लगन में है।। चन्द्रमा भी खूबसूरती का कारक है इस लिए जातक कॉस्टमेटिक के क्षेत्र में शिक्षा लिए और present में एक सफल professor /doctor है।

💐इंदू लग्न★ धन भाव मे गुरु उच्च के है लाभेष खुद मंगल लगन में है, धन के कारक स्वयं गुरु धन भाव मे भाग्येश शनि और लाभेष मंगल के कर्तरी में है।नैशर्गिक शुभ ग्रह गुरु शुक्र साथ मे है,शुक्र पंचमेश है यहाँ पर जातक के पास धन का बहुत ही अच्छा स्रोत है।।धनेश खुद 10 में गया है और 4th को देख रहा है ,जातक जिवन में बहुत सुखी रहता है। 

💐होरा लग्न ★होरा लग्न सिंह राशि का है, सूर्य धनेश,पंचमेश मंगल, नवमेश गुरू, लाभेष शुक्र(लग्न कुंडली से 2,5,9,11)लग्न में बैठे है ,,धन का बहुत अच्छा योग बन रहा है