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Wednesday, July 19, 2017

शून्यनक्षत्र / Zero Constellation in Astrology

शून्यनक्षत्र

कदास्रभे त्वाष्ट्रवायू विश्वेज्यौ भगवासवौ।
विश्वश्रुती पाशिपौष्णे अजपाद्यग्निपित्र्यभे।।

चित्रद्वीशौ शिवाश्व्यर्का: श्रुतिमूले यमेन्द्रभे।
चैत्रादिमासे शून्याख्या स्तारावित्तविनाशदा:।।

चैत्र में रोहिणी और अश्विनी,
वैशाख में चित्रा और स्वाती,
ज्येष्ठ में उत्तराषाढ़ा और पुष्य,
आषाढ़ में पूर्वाफाल्गुनी और धनिष्ठा,
श्रावण में उत्तराषाढ़ा और श्रवण,
भाद्रपद में शतभिषा और रेवती,
आश्विन में पूर्वाभाद्रपद,
कार्तिक मे
कृत्तिका और मघा,
मार्गशीर्ष में चित्रा और विशाखा,
पौष में आद्रा और अश्विनी और हस्त,
माघ में श्रवण और मूल तथा फाल्गुन में भरणी और ज्येष्ठा शून्य नक्षत्र हैं इनमें कार्य करने से धन का नाश होता है।

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