Google

Wednesday, December 19, 2018

When will I buy my own house and how that house would be as per Astrology ?

*खुद का घर कब और कैसा होगा-*

*मंगल को भूमि का और चतुर्थ भाव का कारक माना जाता है,इसलिए अपना मकान बनाने के लिए मंगल की स्थिति कुंडली में शुभ तथा बली होनी चाहिए.स्वयं की भूमि अथवा मकान बनाने के लिए चतुर्थ भाव का बली होना आवश्यक होता है,तभी व्यक्ति घर बना पाता है.मंगल का संबंध जब जन्म कुंडली में चतुर्थ भाव से बनता है तब व्यक्ति अपने जीवन में कभी ना कभी खुद की प्रॉपर्टी अवश्य बनाता है.मंगल यदि अकेला चतुर्थ भाव में स्थित हो तब अपनी प्रॉपर्टी होते हुए भी व्यक्ति को उससे कलह ही प्राप्त होते हैं अथवा प्रॉपर्टी को लेकर कोई ना कोई विवाद बना रहता है.मंगल को भूमि तो शनि को निर्माण माना गया है.*
*इसलिए जब भी दशा/अन्तर्दशा में मंगल व शनि का संबंध चतुर्थ/चतुर्थेश से बनता है और कुंडली में मकान बनने के योग मौजूद होते हैं तब व्यक्ति अपना घर बनाता है.चतुर्थ भाव /चतुर्थेश पर शुभ ग्रहों का प्रभाव घर का सुख देता है.चतुर्थ भाव/चतुर्थेश पर पाप व अशुभ ग्रहो का प्रभाव घर के सुख में कमी देता है और व्यक्ति अपना घर नही बना पाता है.चतुर्थ भाव का संबंध एकादश से बनने पर व्यक्ति के एक से अधिक मकान हो सकते हैं.एकादशेश यदि चतुर्थ में स्थित हो तो इस भाव की वृद्धि करता है और एक से अधिक मकान होते हैं.*
*यदिचतुर्थेश,एकादश भाव में स्थित हो तब व्यक्ति की आजीविका का संबंध भूमि से बनता है.कुंडली में यदि चतुर्थ का संबंध अष्टम से बन रहा हो तब संपत्ति मिलने में अड़चने हो सकती हैं.जन्म कुंडली में यदि बृहस्पति का संबंध अष्टम भाव से बन रहा हो तब पैतृक।  संपत्ति मिलने के योग बनते हैं.चतुर्थ,अष्टम व एकादश का संबंध बनने पर व्यक्ति जीवन में अपनी संपत्ति अवश्य बनाता है और हो सकता है कि वह अपने मित्रों के सहयोग से मकान बनाएं.*
*चतुर्थ का संबंध बारहवें से बन रहा हो तब व्यक्ति घर से दूर जाकर अपना मकान बना सकता है या विदेश में अपना घर बना सकता है.जो योग जन्म कुंडली में दिखते हैं वही योग बली अवस्था में नवांश में भी मौजूद होने चाहिए.भूमि से संबंधित सभी योग चतुर्थांश कुंडली में भी मिलने आवश्यक हैं.चतुर्थांश कुंडली का लग्न/लग्नेश,चतुर्थ भाव/चतुर्थेश व मंगल की स्थिति का आंकलन करना चाहिए.यदि यह सब बली हैं तब व्यक्ति मकान बनाने में सफल रहता है.*

No comments: