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Monday, September 3, 2018

Sushumna Nadi and Astrology

सुषम्ना नाडी
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कई लगोको कुंडलीनी के तिन नाडीयो का हि ग्यान रहता है l मगर उनको यह नही पता ईडा , पिंगडा और सुष्मना नाडी के अंदर भी कई तरह के नाडीया होती है l

आज सिर्फ सुष्मना नाडी के अंदर कितनी नाडीया होती है यह बता दु l
जब हम आग्या चक्र पर ध्यान लगाते है तो हमेे प्रकाश नजर आता है , कई तरह कि कल्पना नजर आती है l  हमारे सुष्मना नाडी के भितर भी चार नाडीया होती है l जिसका नाम सुष्मना , ब्रजा , चित्राणी , ब्रम्हायनी l
सबसे उपर कि जो परत होती है उसे हम सुष्मना कहते है l मैने एक चित्र के माध्यमसे बताया
यही चारो नाडीयो मे प्रकाश रहता है l ध्यान मे जो प्रकाश नजर आता है वो यही चार नाडीयो कि वजह से l कई लोगो को डायमेंशन नजर आता है l

यह नाडीयो मे क्या होता है ?
सुष्मना के अंदर जो नाडीया होती है उसके अंदर वायु , आकाश और अग्नी होती है उपर कि परत याने सुष्मना मे सिर्फ सोच होती है l
जब आग्या चक्र पर ध्यान लगता है तो कई तरह के रंग प्रकाश नजर आता है फिर एक सोच तयार होती है l
तब ईंसान के पास दो रास्ते होते है l
एक जादुगर  ( चमत्कार ) का  और दुसर ईश्वर का मार्ग..

तुम्हे कल्पना मे जिना है या ईश्वर के मार्ग पर चलना है l
कई लोग  काल्पनीक क्रित्या तयार करने लगते है जो उनका हि एक स्वरूप होता है l कई लोग देवि देवता को बिठा लेते है तो कई अपने गुरू को ! क्यु के आप जैसा बनायगे जैसा सोचोगे वैसे हि बनने लगता है ll

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