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Tuesday, March 22, 2022

Horoscope Match Making

कुंडली मैचिंग मैं क्या-क्या देखना चाहिए ? अच्छी बहू लाने के लिए कुंडली कैसी होनी चाहिए ?


कुंडली मैचिंग के कुछ अनुभूत नियम आज मैं बता रहा हूं वो ध्यान से पढ़िए। 

1. कुंडली मैचिंग में गुण के ऊपर ज्यादा ध्यान मत दीजिए । कम से कम 12 गुण हो तो भी चलेगा । 12 से कम मत लेना। गुण की बजाय ग्रहों का मैचिंग खास देखिए
2. नाड़ी के ऊपर ज्यादा ध्यान मत दीजिए एक नाडी है तो भी चलेगा । कोई प्रॉब्लम नहीं
3. एक दूसरे के लगन और चंद्र राशि शत्रु षडाष्टक ना हो वह खास देखिए । जैसे मेष और कन्या राशि या मिथुन और वृश्चिक राशि एक दूसरे के शत्रु है तो ऐसा मैचिंग टालना चाहिए।
4. लड़के की कुंडली का अष्टम स्थान लड़की की कुंडली का लगन नहीं होना चाहिए । लड़के का आठवां स्थान सक्रिय हो जाता है । तो शादी के बाद भाग्यहानि होती है ।
5. लड़के की कुंडली का 12वा स्थान लड़की की कुंडली का लगन नहीं होना चाहिए । लड़केका 12वां स्थान एक्टिवेट हो जाता है । 
6. मिथुन और कन्या लग्न में मंगल के सामने मंगल ही लेना चाहिए । शनि को हम सेट नहीं कर सकते 
7. मेष लग्न में सप्तम स्थान में तुला का मंगल, कर्क लग्न में सप्तम स्थान में उच्च राशि का मंगल और तुला लग्न में सप्तम स्थान में मेष राशि का मंगल भी बहुत नेगेटिव रिजल्ट देता है इसीलिए मैचिंग में उसके सामने मंगल ही लेना चाहिए, शनि नहीं ।
8. मैचिंग के वक्त सामने वाले की कुंडली में अगर 12वे स्थान में सूर्य मंगल या सूर्य शनि या सूर्य केतु या मंगल शनि या मंगल केतु है तो ऐसी कुंडली टालनी चाहिए क्योंकि बारहवें स्थान में ऐसी पाप युति डिवोर्स करवा देती है 
9. इसी तरह सामनेवाली कुंडली में सप्तम स्थान में सूर्य मंगल या सूर्य शनि या सूर्य राहु या सूर्यकेतु या मंगल शनि है तो ऐसी कुंडली भी टालनी चाहिए ।
10. लड़का या लड़के की कुंडली में चंद्र या सूर्य जिस राशि में है उसी राशि में सामने वाले की कुंडली में शनि नहीं होना चाहिए । मान लो कि किसी लड़की की कुंडली में चंद्र कुंभ राशि का है या सूर्य कुंभ राशि का है तो लड़के की कुंडली में कुंभ राशि का शनि नहीं होना चाहिए।
11. दोनों की कुंडली में एक दूसरे के मंगल ऊपर शुक्र या शुक्र के ऊपर मंगल आता है तो ऐसा मैचिंग जीवनभर आकर्षण के लिए बहुत अच्छा रहेगा । मान लीजिए लड़की की कुंडली में मकर राशि का शुक्र है तो लड़के की कुंडली में मकर का मंगल अच्छा मैचिंग होगा । 
12. लड़का या लड़की का सूर्य और चंद्र जिस राशि में है उसी राशि में सामने वाले का राहु या केतु है तो उसका मतलब कि पिछले जन्म का इन दोनों में कोई रिलेशन है । तो मतलब ऐसा मैचिंग भी अच्छा रहेगा
13. सबसे बढ़िया मैचिंग शुक्र और राहु केतु का होता है । किसी एक के शुक्र ऊपर दूसरे की कुंडली में राहु या केतु आते हैं तो बहुत ही अच्छा आकर्षण पूरी जिंदगी का होता है। जैसे लड़के की कुंडली में शुक्र धनु राशि में है तो लड़की की कुंडली में अगर राहु या केतु धनु राशि में है तो बढ़िया मैचिंग कहा जाएगा । 
14. लड़का या लड़की की कुंडली के सूर्य ऊपर सामने वाले का चंद्र आता हो या चंद्र के ऊपर सूर्य आता हो तो वह भी अच्छा मैचिंग है ।
15. लड़के की कुंडली का जो भाग्य स्थान होता है, जो लाभ स्थान होता है या जो धन स्थान होता है उसी राशि में अगर लड़की का गुरु है तो उस लड़की के साथ शादी के बाद लड़के का भाग्य का उदय होगा ऐसा समझना। मान लीजिए कि लड़के का मकर लगन है तो अगर लड़की की कुंडली में कन्या का गुरु है या वृश्चिक का गुरु है या कुंभ राशि का गुरु है तो उसके साथ शादी करने के बाद लड़के का भाग्य उदय अवश्य ही होगा ।
16. लड़के की कुंडली का जो भाग्य स्थान होता है, या जो लाभ स्थान होता है या जो धन स्थान होता है वही लग्न अगर लड़की का होता है तो ऐसी लड़की के कदम लड़के के लिए अच्छे होते हैं । मतलब उसके आने से उसका भाग्य स्थान या लाभ स्थान या धन स्थान सक्रिय हो जाता है, एक्टिवेट हो जाता है । जैसे की मीन लग्न वाला लड़का हो तो व्रुश्चिक लगन वाली लड़की या मकर लगन वाली लड़की या मेष लगन वाली लड़की उसके लिए लकी साबित होगी ।

मैचिंग के साथ-साथ अगर आपके क्लाइंट के लिए या परिवार के किसी लड़के के लिए जब लड़की देखनी हो तो नीचे दी हुई बातें खास याद रखो । हो सके तो ऐसे योग वाली लड़की को टालना चाहिए ।

1 लड़की की कुंडली में बारहवें स्थान में चंद्र शुक्र साथ में हो या छठे बारहवें स्थान में चंद्र शुक्र आमने-सामने हो और गुरु का संबंध लगन या चंद्र के साथ ना हो तो ऐसी कुंडली टालनी चाहिए । चंद्र शुक्र एकदम बिंदास बना देते हैं । हाय फाय लाइफ स्टाइल रहती है । ऊंची ख्वाहिशे होती है । खूबसूरत होती है पर परिवार प्रेमी नहीं होती ।
2. सूर्य और शनि एक ही डिग्री में साथ में होते हो या एक ही डिग्री पे आमने सामने होते हो तो वो लड़की बहुत argument करने वाली होती है । सेवा भावना होती है लेकिन गुस्सा भी बहुत होता है । सास बहू में अनबन रहती है । 
3. चंद्र और शनि नजदीक नजदीक साथ में होते हैं या अंशात्मक आमने-सामने होते हैं और कर्क सिंह या मीन लगन होता है तो डिप्रेशन जल्दी आ जाता है । बहुत ही नेगेटिव सोचती रहती है । हेल्थ को लेकर कोई ना कोई प्रॉब्लम चलते रहते हैं। 
4. 12वे स्थान में लड़की की कुंडली में तुला के मंगल राहु या सूर्य मंगल होते हैं तो डिवोर्स या सेपरेशन होने के पूरे चांस रहते हैं
5. लड़की की कुंडली में गुरु और केतु एक ही डिग्री में साथ बैठे होते है तो वह योग भी पति का इतना सुख नहीं देता ।
6. लड़की की कुंडली में अगर सप्तम स्थान पाप कर्तरी योग में हो मतलब छठे और आठवें स्थान में पाप ग्रह बैठे हो तो वह भी शादीशुदा जिंदगी के लिए खराब योग है।
7. लड़की की कुंडली में अगर चंद्र मंगल शुक्र साथ में बैठे हैं तो भी थोड़ा सोचना चाहिए । ऐसे योग डिवोर्स तो नहीं करवाते लेकिन शादी के बाद सास ससुर से अलग होने का सोचते हैं । परिवार प्रेमी लड़के को ऐसी कुंडली टालनी चाहिए । 

गुरु उदार और परिवार प्रेमी ग्रह है । लड़की में संस्कार देता है। अगर लग्न में गुरु है या लगन के ऊपर गुरु की दृष्टि है और ऊपर बताए हुए नेगेटिव ग्रह ना हो तो उसको पहली पसंद देना चाहिए । चंद्र के साथ गुरु हो या चंद्र के ऊपर गुरु की दृष्टि हो या गज केसरी योग हो तो भी लड़की में अच्छे संस्कार होते हैं । वह परिवार को जोड़कर रखती है । 

हजारों कुंडलियों को देखने के बाद ये सब नियम मैंने रिसर्च किए हैं जो आप लोगों के साथ शेयर कर रहा हूं। जरूरी नहीं है कि मैंने जो नियम लिखे हैं वह सब शत प्रतिशत सही है । लेकिन ज्यादातर कुंडलियों में जो मैंने देखा है, अनुभव किया है वही मैं बता रहा हूं । परिवार के संस्कार का भी अपना एक अलग महत्व होता है तो जो नेगेटिव योगों की चर्चा की उसमें कुछ अपवाद भी हो सकते हैं ।

आजकल के जमाने में शादीशुदा जिंदगी में बहुत प्रॉब्लम आते हैं तो कुंडली मैचिंग का महत्व बढ़ गया है । ऊपर बताए हुए सभी नियम अगर आप याद रखेंगे तो कुंडली मैचिंग में बहुत सुविधा होगी । 36 में से 36 गुण भी शादी की सफलता की कोई गारंटी नहीं ।


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